PNLT Full Form Banking in Hindi | PNLT का मतलब क्या हैं

PNLT Full Form Banking in Hindi

What is PNLT in Banking Hindi ( PNLT क्या हैं ) 

चाहे आप किसी भी यक्ति या व्यवसाय के हो, अगर आप बैंक से किसी भी प्रकार का ऋण लेना चाहते हो तो आपको उससे पहले कुछ जानकारी होनी चाहिए कि, अगर आपने समय से उस ऋण का EMI नहीं चूका पाए तो आपको बैंक को कुछ दंड ब्याज के रूप में देना होगा। 
 
अपने देरी EMI में से प्रत्येक के लिए, आपको दंड ब्याज के रूप में बैंक को देर से शुल्क भुगतान करना होगा। ये दंड ब्याज क्या है ? इसकी गणना कैसे होती है? Full Form Of PNLT Banking In Hindi आईये हम अच्छे से जानते हैं
 
 

PNLT full Form Bank in Hindi –

 
PNLT का फुल फॉर्म बैंकिंग में  Penal Rate या Penal Interest, हिंदी में इसे दंड दर या दंड ब्याज कहते हैं। 
 
PNLT Full Form Banking – Penal Rate / Penal Interest 
 

What is Penal Interest (दंड ब्याज क्या है ) 

दंड दर या दंड ब्याज एक प्रकार का ब्याज है जो ऋण देने वाले जैसे कि बैंक, के द्वारा ऋण प्राप्त करने वाले पर लगाया जाता हैं यदि कोई व्यक्ति बैंक से ऋण लेता है और उस ऋण का EMI भुगतान नहीं करता, चाहे वह व्यक्ति मासिक EMI का भुगतान करे या त्रैमासिक या वार्षिक रूप से भुगतान करें, यदि ऋण प्राप्त करता निर्धारित समय तक ऋण का भुगतान नहीं करता, तो उसको उसी पर दंड ब्याज का भुगतान करना होगा। 
 

दंडात्मक ब्याज परिकलन कैसे होता है?

अलग-अलग उधारदाताओं के बीच जुर्माना दर भिन्न होता है यदि आपने SME लोन लिया हैं तो ऋणदाता (जो आपको लोन दे रहा है) द्वारा दंड ब्याज, ऋण की लागु ब्याज दर से अधिक होगा।  
 
Penal Interest की गणना के लिए ऋणदाता की ब्याज दर, आपका कितना देने के लिए राशि बचा है और कितना समय बचा है उसको ध्यान में रख कर किया जाता हैं। 
 

Penal Interest कैसे वसूली जाती है :-

दंड ब्याज सालाना आधार पर उल्लेखित किया जाता हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी ऋणदाता की दंडात्मक ब्याज 24% प्रति वर्ष है, इसका मतलब होता है की 2% का जुर्माना, आपने जितना समय देर किया और कितना राशि बचा है उसके हिसाब से देना पड़ेगा। 
 
उदाहरण के लिए, आपने ऋण लिया हैं और EMI का 50,000 रूपए, जो की एक महीने की देरी हो गयी हैं और यदि दंड ब्याज 24% PA हैं तो देर से EMI का भुगतान देने पर दंड लगभग 1000 रूपये देना होगा (50,000 का 2%), दंड ब्याज 25,000/- रूपए तक के ऋण के लिए नहीं लगाया जाता। 
 
यदि आप किसी भी प्रकार का ऋण लेने की बारे में सोच रहे है तो उससे पहले उस ऋण को किस तरिके से वापस करना है उसकी योजना जरूर बनाये ताकि आपको किसी प्रकार का दंड ऋण को देने की आवश्यकता न पड़े। 
 
इसके अलावा ऋण देने वालो के साथ चर्चा करते समय भविष्य में किसी भी प्रकार की दुविधा से बचने के लिए  दंडात्मक ब्याज (Penal Interest) के बारे में जरूर जानकारी ले। 
 
मुझे आशा है की आपको हमारे पोस्ट में PNLT Full Form Banking In Hindi, दंड ब्याज क्या है?, Penal Interest की वसूली कैसी होती है के बारे में आपको जानकारी मिल गयी होगी। इस जानकारी को अपने तक सीमित न रखे इसे दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे ताकि वो भी इसके बारे में जान सके।
 
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