ABM Full Form – ABM क्या होता है

इस पोस्ट में हम ABM से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी जैसे ABM Full Form, एबीएम क्या है?, एबीएम किसे कहते है, एबीएम का उपयोग क्या होता है, यह हमारे भारत के लिए इतना जरूरी क्यों है, और भी बहुत कुछ जानेगे इसलिए हमारे इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े। आपने कभी न कभी ABM के बारे में सुना ही होगा, क्योंकि इससे जुड़ी खबरे अक्सर न्यूज़ चैनल में दिखाते रहते है। ये हमारे भारत के सुरक्षा प्रणाली से जुड़ा हुआ है इसलिए आपको इसके बारे में जानना जरूरी हो जाता है। तो आज मैं आपको इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देने वाला हूँ .
ABM Full Form in Hindi
 

ABM Full Form in Hindi

ABM का फुल फॉर्म – Anti Ballistic Missile ( एंटी बैलिस्टिक मिसाइल ) होता है। इसके नाम से ही पता चलता है कि ये बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने वाला सिस्टम है। इसे एयर डिफेन्स सिस्टम भी कहा जाता है। यह एक तरह का सुरक्षा उपकरण है जिसका उपयोग हमारे भारत देश की सुरक्षा एजेंसी (देश की सेना) के द्वारा किया जाता है। 
 

एबीएम क्या है ( What is ABM in Hindi )

Anti Ballistic Missile जिसे संक्षिप्त में ABM कहते है यह सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है। जिसको बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने और मुकाबला करने के लिए बनाया गया है। ABM शब्द का प्रयोग बैलिस्टिक मिसाइल को रोकने के लिए बनाये गए एंटीमिसाइल प्रणाली के लिए भी किया जाता है। हालाँकि आमतौर पर एबीएम को अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का सामना करने के लिए बनायीं गयी प्रणाली या मिसाइल के रूप में जाना जाता है। 
 
आसान शब्दों में कहें तो यह बैलिस्टिक खतरे को रोकने और उसे खत्म करने से लिए बनाया गया defence system है। जिसका इस्तेमाल एक देश दूसरे देश के बैलिस्टिक मिसाइल का सामना करने या बचने के लिए करता है। भारत में 1999 से ही वायु रक्षा प्रणाली पर काम करना शरू कर दिया था। 
 
आपको बता दूँ हमारे देश का वायु रक्षा प्रणाली दो भागो में बटा हुआ है। यानि आप इसे दो स्तरीय रक्षा प्रणाली भी कह सकते है। अभी सिर्फ पहली रक्षा प्रणाली पर काम चल रहा है जिसके भी दो स्तर होते है। पहला स्तर जिसे हम पृथ्वी एयर डिफेन्स (PHD) सिस्टम कहते है जिसे DRDO के द्वारा बनाया गया है। यह सिस्टम उन मिसाइलों को रोकने में सक्षम है जो वायु के जरिये हमारे देश में प्रवेश करती है। पृथ्वी एयर डिफेन्स सिस्टम बाहर से आने वाले बैलिस्टिक मिसाइलों को 50 से 80 km की ऊंचाई पर ही नष्ट कर सकता है। 
 
इसके बाद बात आती है दूसरे स्तर की जिसे Advance Air Defence System (AAD) कहते है। यह उन मिसाइलों को रोकता है जो पृथ्वी से बहुत कम ऊंचाई पर गति करता है। यानि उन्नत वायु रक्षा प्रणाली की सहायता से किसी भी बैलिस्टिक मिसाइलों को 30 km की ऊंचाई पर ही नष्ट किया जा सकता है। इस तरीके आप इस मिसाइल के ताकत का अंदाजा लगा सकते है। 
 

ABM से जुड़ी अन्य जानकरी 

माना जाता है कि पहले स्तर का एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम उन बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सकता है जिसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर है।  इसमें जो रडार लगा हुआ है उसकी  रेंज 600 किमी का है। वही दूसरे स्तर का एबीएम सिस्टम उन बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सकता है जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है। इसमें लगे रडार का रेंज 1500 किमी का है। 
 
जैसा की मैंने आपको बताया, भारत ने 1999 से ही वायु रक्षा प्रणाली पर काम करना शुरू कर दिया था और 2006 में भारत ने अपना पहला परीक्षण किया जो पृथ्वी एयर डिफेन्स (PAD) सिस्टम का था जो सफल हुआ। इसके बाद भारत ने 2007 में AAD का परीक्षण किया और यह भी सफल हुआ था। इसके परीक्षण के बाद हमारा देश एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम बनाने वाला विश्व का चौथा देश बन गया। 
 

ABM विकसित करने का मुख्य उद्देश्य 

आप अच्छी तरह जानते है भारत देश पर हमले का खतरा बना रहता है खासकर की पाकिस्तान और चीन से। और आए  दिन भारत पर दुश्मन देश द्वारा हमला करने पर चर्चा होती रहती है ऐसे ही कई सारे वजह थे जिसे देखते हुए भारत में एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम बनाने का फैला लिया। 
 
आपको मालूम होगा भारत पर पाकिस्तान ने 90 के दशक में काफी सारे बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था जिसका भारत में डटकर सामना भी किया था। इसके अलावा भारत ने चीन और पाकिस्तान के विरुद्ध कई सारी लड़ाई भी लड़ी है। इन सब के कारण दोनों देश के बीच तनाव का माहौल बना रहता है। जब पाकिस्तान ने चीन से M-11 मिसाइलों को लेकर अपने यहाँ तैनात किया था, तब भारत ने भी इसके जवाब में 1995 में रूस से S-300 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल की छह खेफ को खरीद  लिया था।  
 
आपको ज्ञात होगा कि भारत ने दूसरी बार मई 1998 में अपना परमाणु परीक्षण राजस्थान के पोखरण में किया था, और इसके कुछ समय पश्चात पाकिस्तान ने भी अपना पहला परमाणु परीक्षण किया था, जिसके कारण भारत पर हमला होने का खतरा पहले से भी बढ़ गया था। इन सब के कारण से भारत ने सन 1999 के अंत में एंटी बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली को विकसित करने की शुरुआत की।
 
इसे भी पढ़े –
 
Conclusion 
 
हमने इस लेख के माध्यम से हमने आपको एबीएम से संबंधित जानकारी देने की पूरी कोशिश है। इस पोस्ट में मैंने ABM Full Form in Hindi, एबीएम क्या है किसे कहते है, एबीएम हमारे देश के लिए जरुरी क्यों है इत्यादि चीजों के बारे में बताया।  
 
तो दोस्तों आपने एंटी बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के बारे में जान लिया मुझे उम्मीद है हमारे इस पोस्ट में दी गयी जानकारी आपको जरूर पसंद आयी होगी, यदि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करे और आपके मन में एबीएम से जुड़े किसी प्रकार का सवाल हो तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment