BDC Full Form in Hindi – BDC क्या होता है

 इस लेख में आपको BDC Full Form in Hindi, बीडीसी क्या है, बीडीसी की चुनाव प्रक्रिया, बीडीसी बनने के लिए योग्यता आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दूंगा, क्योंकि ग्राम पंचायत के चुनाव ने बीडीसी का अहम रोल होता है इसी कारण आपका बीडीसी के बारे में जानकारी होना जरूरी हो जाता।
आप अच्छे से जानते है देश के हर राज्य में कई सारे जिले है और उन जिलों के अंदर कई सारे गांव आते है। सरकार द्वारा इन गाँवों में विकास कार्य करने हेतु ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य (BDC) का चुनाव किया जाता हैं। जो कोई भी व्यक्ति इस चुनाव को जीतता है उसे गांव के विकास में कई सारे काम सौंपे जाते है। यदि आप BDC से संबंधित जानकारी चाहते है तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़े
 
BDC Full Form in Hindi

BDC Full Form in Hindi 

BDC का फुल फॉर्म ” Block Development Council ( ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल ) ” होता है। हिंदी में इसे प्रखंड विकास परिषद कहते है। इसके अलावा इसे ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी तथा क्षेत्र पंचायत सदस्य भी कहा जाता है। 
 
दोस्तों बिज़नेस के क्षेत्र में भी यह शब्द काफी प्रचलित है। Business के क्षेत्र में बीडीसी को Business Development Company कहा जाता हैं।
 
 

BDC लिए योग्यता 

BDC बनने के लिए अलग अलग राज्यों में योग्यता अलग अलग होती है। वही बात की जाए उत्तरप्रदेश कि, तो यूपी में क्षेत्र पंचायत चुनाव के लिए किसी भी प्रकार की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं की गयी है, लेकिन बीडीसी के चुनाव में खड़ा होने वाले प्रत्याशी का उसी गांव का होना जरूरी है। इस बार के होने वाले पंचायत चुनाव के लिए यूपी सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग कुछ न्यूनतम  शैक्षणिक योग्यता रखने के लिए विचार विमर्श कर रही है। हालांकि पंचायत चुनाव में योग्यता को लेकर यूपी सरकार की तरह से अभी तक कुछ भी घोषणा नहीं की गयी है। 
 

BDC लिए अनिवार्य दस्तावेज 

क्षेत्र पंचायत चुनाव में खड़ा होने के लिए प्रत्याशी के पास कुछ दस्तावेज का होना अनिवार्य है जो इस प्रकार है-
  • चुनाव में खड़ा होने वाले प्रत्याशी का नाम ग्राम सभा की मतदाता सूची में होना जरूरी है।
  • प्रत्याशी के पास जाति प्रमाण पत्र का होना जरुरी है। 
  • इसके अलावा प्रत्याशी के पास पैन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र, संपत्ति घोषणा पत्र का होना जरुरी है।  
 

BDC चुनाव प्रक्रिया 

BDC की चुनाव प्रक्रिया साधारण तरीके से होती है, यह चुनाव राज्य सरकार के निर्वाचन आयोग के द्वारा कराया जाता है। यह चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से सम्पन्न होती है। बीडीसी के चुनाव में ग्राम सभा के नागरिक सीधे तरीके से भाग ले सकते है। इस चुनाव के लिए एक वार्ड निर्धारित होता है और उसी वार्ड के अंदर आने वाले जनता ही इसमें वोट डाल सकते है। बीडीसी का चुनाव ग्राम सभा के वार्ड के हिसाब किया जाता है यानि बड़ी ग्राम सभा में कई सारे बीडीसी हो सकते हैं। 
 
चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद वोटो की गिनती की जाती है, और जो भी प्रत्याशी बहुमत के साथ इस चुनाव को जीतता है उसे बीडीसी सदस्य बना दिया जाता है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जीते प्रत्याशी का सर्टिफिकेट दिया जाता है, व ग्राम पंचायत सचिव के द्वारा बीडीसी सदस्य को शपथ भी दिलाया जाता है।
 

BDC के कार्य 

BDC को अपने ब्लॉक स्तर में कई सारे विकास संबंधी कार्य जैसे खड़ंजा लगवाना, नाली बनवाना, मिट्टी भराई, सफाई आदि तरह के कार्य करने के लिए सौंपे जाते है। 
 

ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में BDC की भूमिका 

ब्लॉक स्तर में ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करने में BDC सदस्य अपनी अहम भूमिका निभाता हैं, क्योंकि ब्लॉक प्रमुख के प्रत्याशी के रूप में बीडीसी सदस्य खड़ा होता है। सभी बीडीसी सदस्य मिलकर ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते है। और यह ब्लॉक प्रमुख सारे बीडीसी का मुखिया होता है। 
 
यानि कि, जनता मिलकर बीडीसी सदस्य को चुनती है और सभी बीडीसी सदस्य मिलकर बहुमत के आधार पर ब्लॉक प्रमुख का चयन करते है। 
 

BDC बनने के फायदे क्या है?

BDC बन जाने के बाद जहाँ एक ओर एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ दिला कर  उनकी सेवा करने का मौका मिलता है। 
 
वही दूसरी तरह बीडीसी, ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में अपना मत देने के लिए मोटी रकम वसूलते है। जी हाँ ये सच बात है और इस सच को सभी अच्छी तरह जानते है कि अपना मत देने को लेकर बीडीसी लाखो रूपए में अपना कीमती वोट बेच देते है। 
 

BDC का कार्यकाल और वेतन

ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य और जिला पंचायत की तरह ही बीडीसी (BDC) सदस्य का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है। इसके अलावा राज्य सरकार ने BDC में महिलाओ के लिए 30% आरक्षण का प्रावधान दिया है।  
 
वेतन की बात कि जाए तो, हमारे देश के कुछ राज्यों में BDC सदस्य को मानदेय के रूप में 4000 से लेकर 4800 रूपए मिलते है। उत्तरप्रदेश में बीडीसी को कुछ भी मानदेय नहीं दिया जाता है लेकिन सरकार के तरफ से इन्हे भत्ता प्रदान किया जाता है, जिसमे यात्रा भत्ता भी शामिल होता है, इसके अलावा पंचायत की बैठक में शामिल होने के लिए बीडीसी को हर बार 500 रूपए प्रदान किये जाते है। 
 
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Conclusion
 
इस लेख में हमने बीडीसी (BDC) से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई है। इस लेख मैंने BDC Full Form , बीडीसी क्या है, बीडीसी बनने के लिए जरूरी योग्यता, बीडीसी का वेतन, बीडीसी का कार्यकाल आदि चीजों के बारे में विस्तार से बताया है। मुझे आशा है हमारे इस लेख में दी गयी जानकारी आपको पसंद आयी होगी यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करके और उससे जुड़े सवाल हो तो आप हमे कमेंट करके पूछ सकते है। 

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