MSP किसानों की फसल के लिए सरकार द्वारा निर्धारित की गयी न्यूनतम मूल्य है, सरकार किसान को एमएसपी मूल्य के रूप में यह गारंटी देता है कि उनकी फसल को खरीदी निर्धारित मूल्य पर की जाएगी। इस लेख में हम MSP Full Form in Hindi, MSP Kya Hai, एमएसपी के विषय में कई सारी जानकारी जैसे एमएसपी किसके द्वारा निर्धारित किया जाता है, एमएसपी के फायदे क्या है, किन किन फसलों पर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाती है, सरकार कौन सी फसल पर कितना समर्थन मूल्य किसान को देती है, और भी बहुत सारी बातों को अच्छे से समझेंगे।
भारत देश किसानों का देश है, हमारे देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में किसानों का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन आपने देखा होगा देश में काफी लम्बे समय तक किसान आंदोलन चला। अलग अलग राज्यों के किसान सड़क में उतर कर आंदोलन करते करते भारत की राजधानी दिल्ली तक पहुँच गए थे ! किसान भारत सरकार द्वारा लाये गए नए कृषि कानून का विरोध कर रहे थे, उनको डर था कि इस नए कृषि कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म किया जा रहा है। वही दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि इस नए कृषि कानून से एमएसपी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इसी परेशानी को देखते हुए हमने यह पोस्ट लिखा है इसलिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े

MSP Full Form in Hindi
MSP का फुल फॉर्म ” Minimum Support Price ” होता है। यह एक प्रकार से निर्धारित मूल्य है जो सरकार द्वारा किसान के फसल पर लगाया जाता है। किसान के फसल को Minimum Support Price से कम मूल्य पर खरीदा नहीं जा सकता है।
एमएसपी क्या है ( What is MSP in hindi )
जैसा की आप जानते है भारत एक कृषि प्रधान देश है है और न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार के द्वारा फसलों पर निर्धारित किया जाने वाला मूल्य है, जिसके हिसाब से सरकार किसानों के फसल की खरीदारी करती है। सरल शब्दों में, किसी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य होता है जिस पर सरकार किसानों की फसल को खरीदने की गारंटी लेता है। एमएसपी से कम मूल्य पर किसानो की फसल को कोई भी नहीं खरीद सकता है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के हित में लाया गया सरकार का बिल है, इस एमएसपी की शुरुआत ब्रिटिश सरकार द्वारा की गयी थी। एमएसपी को लाने का सबसे बड़ा कारण किसानों को बिचौलियो के शोषण से बचाना था। एमएसपी के आ जाने से किसानों को अपनी आय को लेकर किसी तरह की चिंता नहीं होती क्योंकि बाजार में फसलों की कीमत पर कितना भी उतार चढ़ाव हो एमएसपी किसानों को मिलता ही है।
आप सब अच्छी तरह से किसान आंदोलन से वाकिफ है, देश के किसान सरकार से इसी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कड़ा कानून बनाने को लेकर मांग कर रहे थे। सरकार देश की जनता को राशन मुहैया कराने के लिए किसानों से उनकी फसल को Minimum Support Price पर खरीदता हैं।
इसे उदाहरण से समझते है
यदि सरकार ने चावल की कीमत 1800 रूपए/ क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है, तो जब कभी भी किसान सरकारी संस्था में उस चावल को बेचने जायेगा तो सरकारी संस्था को MSP मूल्य पर यानी 1800 रूपए/ क्विंटल चावल को खरीदना पड़ेगा, एमएसपी से कम मूल्य पर वह चावल को नहीं खरीद सकता।
MSP का उद्देश्य
न्यूनतम समर्थन मूल्य लाने का सबसे बड़ा कारण किसानों को बिचौलियो के शोषण से बचाना और उनकी उपज का सही कीमत प्रदान करना है। यदि बाजार में अधिकता होने के कारण किसी फसल की कीमत तय मूल्य से कम हो जाती है तो सरकार द्वारा उस फसल को एमएसपी पर खरीदा जाता है इससे किसानों की आय में कोई प्रभाव नहीं पड़ता और उनको अपनी उपज का सही आय प्राप्त होता है। एमएसपी का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी मेहनत का सही आय दिलाना जिससे वो अपना गुजर बसर अच्छे से कर सके और आगे की फसलों का सही से ध्यान दे सके।
MSP शुरू कब हुआ
Minimum Support Price को भारत सरकार में 1964 को मंजूरी दी थी, लेकिन एमएसपी इसी साल लागू नहीं हुआ था। एमएसपी को 1965 में भारत सरकार के सचिव ने अपनी अंतिम मुहर लगाकर जारी किया था। आपको बता दूँ 1967 में पहली बार गेहूं की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया था उसके बाद धीरे धीरे बाकी फसलों पर भी एमएसपी तय होना शुरू हो गया।
MSP का निर्धारण कौन करता है ?
एमएसपी का निर्धारण भारत सरकार की संस्था CACP (Commission for Agriculture Cost and Prices ) के द्वारा किया जाता है। हिंदी में CACP को कृषि लगत एवं मूल्य आयोग भी कहते है। यानि एक हिसाब से आप कह सकते है कि सबसे पहले CACP मूल्य तय करती है उसके बाद सरकार MSP जारी करती है।
CACP देश के कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आता है,इस संस्था को 1695 में शुरू किया गया था तब इसे कृषि मूल्य आयोग कहा जाता था। वर्तमान की समय की बात की जाए तो, CACP में एक अध्यक्ष, एक सदस्य आधिकारिक और दो सदस्य गैर आधिकारिक तौर पर काम करते है। इसमें एक सचिव का पद भी शामिल होता है।
एमएसपी किस तरह से निर्धारित की जाती है
एमएसपी का निर्धारण कई सारे पहलुओं को ध्यान में रखकर किया जाता है जो इस प्रकार है –
- भारत देश के अलग अलग राज्यों में होने वाली फसलें कौन सी है, और वो फसलें कितने हेक्टेयर में लगाई जाती है, इन सब बातों को ध्यान में रखकर एमएसपी का निर्धारण किया जाता है।
- बाजार में फसल की मूल्य और मांग के हिसाब से एमएसपी निर्धारित की जाती है।
- देश के नागरिकों की संख्या और हर एक परिवार में अनाज की खपत के हिसाब से एमएसपी निर्धारण होता है।
- फसल की बुआई से लेकर कटाई तक जितना भी खर्चा आता है उसे भी ध्यान दिया जाता है।
- अनाज की मांग, आपूर्ति और कीमतों का रुझान।
- अनाजों का भंडारण, एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने में खर्च, टैक्स, मंडियों का टैक्स, फायदे और नुकसान के आधार पर एमएसपी निर्धारण होता है।
- एमएसपी सरकारी संस्था जैसे Food Corporation of India और National Agriculture Cooperative Marketing Federation के भंडारण क्षमता पर एमएसपी निर्भर करती है।
एमएसपी के अंतर्गत आने वाली फसलें
केंद्र सरकार कुछ ही फसलों पर, कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के रुझानों के आधार पर न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करती है। वर्तमान समय में केवल 22-23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय है। जिनमे से छः रबी फसलें , 14 खरीब फसले और बाकी के अन्य फैसले शामिल है जिनके नाम इस प्रकार है –
- अनाज – गेहूं, जौ, ज्वार, रागी, बाजरा, धान, मक्का, बाजरा
- दलहन की फसले – अरहर, मूंग, मसूर, उड़द, चना
- तिलहन की फसले – मूंगफली, तोरिया, तिल, केसर बीज, सोयाबीन, सुजरमुखी के बीज, रामतिल
- व्यावसायिक फसले – खोपरा, गन्ना, कपास, कच्चा जुट
एमएसपी के फायदे – Benefits of MSP
- यदि किसी कारण से पूरे देश में फसल का दाम बाजार में गिरता है तो किसान को सरकार द्वारा तय की गयी MSP Rate के हिसाब से फसलों की कीमत प्रदान की जाती है।
- एमएसपी आने से किसान को उनके उपज का सही मूल्य मिलता है।
- यदि किसी राज्य में किसी फसल की पैदावार ज्यादा होती है तो सरकार खुद उस फसल को एमएसपी मूल्य पर खरीदती है ताकि किसानों को उस फसल को एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने ले जाने में परेशानी न हो।
- एमएसपी के माध्यम से सरकार को फसलों की कीमत पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है।
- सरकार एमएसपी का आंकलन करने के साथ साथ फसलों की बीमा, भंडारण का विशेष रूप से ध्यान देती हैं।
- हर साल सरकार फसलों की एमएसपी मूल्य का आंकलन करती है और तय की गई MSP में वृद्धि करती है जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी हो सके।
- एमएसपी लाने का सबसे बड़ा फायदा किसानों को बिचोलियो के शोषण से बचाना है।
- किसानों को कम नुकसान उठाना पड़ता है।
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आपने क्या सीखा
दोस्तों इस लेख के माध्यम से हमने एमएसपी क्या है, MSP Full Form in Hindi, एमएसपी का मतलब (MSP Meaning in Hindi), एमएसपी लाने का क्या उद्देश्य है, एमएसपी की शुरुआत कब हुई जाना। इसके साथ ही हमने एमएसपी कौन निर्धारित करता है, एमएसपी कैसे तय किया जाता है, एमएसपी के फायदे, सभी चीजों के बारे में विस्तार से जाना।
इस लेख में हमने आपको एमएसपी के विषय में पूरी जानकारी देने की कोशिश की है। मुझे उम्मीद है कि इस लेख को पढ़कर आपको एमएसपी के बारे में सभी तरह की जानकारी हो गयी होगी और इस लेख से आपको कुछ नया जानने को मिला होगा । यदि इस लेख में दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगे तो इसे शेयर जरूर करे हमारे इस आर्टिकल को पड़ने के लिए शुक्रिया