HRCT Test in Hindi – HRCT टेस्ट क्या होता है

 
इस लेख में HRCT test क्या होता है के बारे में जानेंगे इसके साथ ही HRCT Full Form भी इस लेख में बताने वाला हूँ, आज कल HRCT जांच के बारे में बहुत ज्यादा सुनने को मिल रहा हैं, यहाँ तक की इस जांच के माध्यम से कोरोना के लक्षण के बारे में भी पता लगाया जा सकता है इसलिए आपका इसके बारे में जानना जरुरी हो जाता है। यदि आप इस टेस्ट के बारे में ज्यादा नहीं जानते और इससे जुड़ी जानकारी चाहते है तो हमारे इस लेख में आखिरी तक बने रहे।
इस लेख में HRCT क्या होता है, शरीर के किस हिस्से का एचआरसीटी टेस्ट किया जाता है, किस तरीके से एचआरसीटी टेस्ट करते है , इस टेस्ट से क्या फायदे होते है, यह टेस्ट किसे नहीं करवाना चाहिए, कोरोना के मरीजों में एचआरसीटी जांच किस प्रकार मददगार है के बारे में जानकारी दूंगा, साथ ही यह टेस्ट जोखिम भरा है? के बारे में भी जानेगे। 
 
HRCT Test Hindi

HRCT Full Form in Hindi 

Full Form of HRCT – High-resolution Computed Tomography होता है। इसे हिंदी में आप उच्च रिज़ॉल्यूशन कंप्यूटेड टोमोग्राफी भी बोल सकते है। 
 
एचआरसीटी स्कैन में छाती की जांच की जाती है, आपको बता दूँ, ये सीटी स्कैन का ही एक प्रकार है, जिसमे एक्सरे रेडिएशन की सहायता से फेफड़ो की साफ तस्वीर तैयार की जाती है। 

एचआरसीटी क्या है (What is HRCT test in Hindi) 

एचआरसीटी एक प्रकार की जांच है। एचआरसीटी स्कैन में फेफड़ो की जांच की जाती है, इस जांच से फेफड़ो में होनी वाली परेशानी का बारीकी से पता लगाया जा सकता है। एचआरसीटी जांच में सीटी स्कैन की तुलना में ज्यादा स्पष्ट रूप से छवियाँ प्राप्त होती है, इसके अलावा छवियों की गुणवत्ता भी बहुत ज्यादा अच्छी होती है जिसके कारण डॉक्टरों को फेफड़ो में होने वाली परेशानी का आसानी से पता चल जाता है। 
 
एचआरसीटी टेस्ट उन लोगो का किया जाता है जिनको फेफड़ो में किसी तरह की परेशानी जैसे इंटरस्टीशियल लंग डिजीज या डिफ्यूज लंग डिजीज होती है। डिफ्यूज लंग डिजीज के कारण फेफड़ो में सूजन और कठोरता आ जाती है जिसका जांच करने के लिए डॉक्टर को एचआरसीटी टेस्ट का सहारा लेना पड़ता हैं। 

एचआरसीटी स्कैन करने से पहले क्या किया जाता है ?

जैसा की मैंने आपको बताया कि यह टेस्ट CT-scan के समान है। छाती का एचआरसीटी जांच करने से पहले डॉक्टर आपको एक गाउन को पहनने को बोलते है, इसके साथ ही आपने  जितने भी धातु के चीजे जैसे घडी, सोना आदि को पहने हुए होते है उन सब को निकलने को कहाँ जाता है यदि आप जांच के दौरान कोई धातु की चीज पहने रहोगे, तो जांच करने में दिक्कत आ सकती है। 

एचआरसीटी टेस्ट कैसे किया जाता है  

अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि एचआरसीटी स्कैन कैसे किया जाता है ? तो मैं आपको बता दूँ इस टेस्ट में सीटी स्कैन की तरह ही एक टेबल पर लेटने को कहाँ जाता है, आपको टेबल पर पहले पीठ के बल लेटने को कहाँ जाता है इस दौरान आपको अपने हाथो को सर के ऊपर सीधे रखने को बोला जाता है, फिर आपको एक गोल आकर के मशीन के अंदर भेजा जाता है जिसके बाद इस टेस्ट की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। 
 
इस टेस्ट में आपके फेफड़ो को स्कैन करके कई सारी छवियाँ निकाला जाता है, क्योंकि यह टेस्ट फेफड़ो का होता है इसलिए आपको साँस लेने और छोड़ने को कहाँ जाता है व साँस को रोकने को भी कहाँ जाता है। इस जांच को करने के समयसीमा अलग अलग हो सकती है।

छाती का एचआरसीटी क्यों किया जाता है  (why chest HRCT test is done in hindi)

अब हम आपको बताने वाले है कि आखिर छाती का एचआरसीटी क्यों किया जाता है ?
 
एचआरसीटी जांच उन लोगो का किया जाता है जिनको फेफड़ो से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या होती है या फिर इंटरस्टीशियल लंग डिजीज का लक्षण होता है। जिन समस्या के लिए यह जांच किया जाता है वह इस प्रकार है –
  • सूखी खासी 
  • साँस लेने में तकलीफ होना 
  • बलगम में खून का आना 
जब किसी मरीज में इंटरस्टीशियल लंग डिजीज के लक्षण होने की संभावना हो तो उस स्थिति में भी यह स्कैन किया जाता है। इंटरस्टीशियल लंग डिजीज की समस्या उन लोगो में ज्यादा होती है जिनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत कमजोर होती है। 
 
इसके अलावा रोग के गतिविधि का आकलन करने के लिए भी एचआरसीटी का सहारा लिया जाता है।

HRCT Scan करने से क्या लाभ होता है ?

इस स्कैन को करने के कई सारे लाभ होते है जो इस प्रकार हैं –
  • इस जांच से किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता है, साथ ही इस स्कैन को करने में बहुत कम समय लगता है इसके अलावा एचआरसीटी स्कैन से मिलने वाले परिणाम बहुत सटीक होता है जिससे डॉक्टर को समस्या का पता लगाने में आसानी होती है। 
  • बिना सर्जरी किये शरीर के अंदरूनी हिस्सों का जांच बड़ी सटीकता के साथ किया जा सकता है व इससे प्राप्त होनी वाली छवियाँ बहुत उच्च गुणवत्ता की होती है। 
  • स्कैन पूरा होने के बाद शरीर में किसी भी प्रकार का रेडिएशन नहीं रहता है। 

क्या यह टेस्ट जोखिम भरा है? यह टेस्ट किसे नहीं करवाना चाहिए ?

दोस्तों इस स्कैन में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होता है लेकिन गर्भवती महिलाओ को यह स्कैन नहीं करवाना चाहिए एक्स-रे रेडिएशन से होने वाले बच्चे पर असर पड़ सकता है व बच्चे में  जन्मजात दोष भी हो सकता है। 
 
यह स्कैन गर्भवती महिलाओ और स्तनपान करवाने वाली महिलाओ को नहीं करवाना चाहिए। 

एचआरसीटी स्कैन के बाद कैसा लगता है ?

दोस्तों आपने यह स्कैन कैसे होता है, किस प्रकार किया जाता है के बारे में जान लिए लेकिन बात आती है कि स्कैन करवाने के बाद क्या होता है या स्कैन के बाद कैसा महसूस होता है ? तो आपको जानकारी दे दूँ, इस स्कैन के दौरान किसी भी प्रकार के दर्द का महसूस नहीं होता, लेकिन जब मशीन तस्वीरें निकाल रहा होता है तो मशीन से कुछ आवाज आती है जो साधारण बात है। जांच के दौरान  आपको बिना हिले डुले टेबल पर सीधे लेटे रहना पड़ता है क्योंकि आप जरा सा भी हिले तो स्कैन किये तस्वीर में खराबी आ सकती है। 
 
स्कैन के दौरान आपको थोड़ी सी बेचैनी हो सकती है लेकिन इससे घबराने वाले बात नहीं है  ये साधारण सा जांच है इस जांच के बाद आप सामान्य रूप से अपने रोजमर्रा की चीजे कर सकते है। 

कोरोना के मरींजों के लिए यह टेस्ट किस प्रकार लाभदायक है ?

दोस्तों आज के समय में कोरोना महामारी तेजी से बढ़ती जा रही है, इस बीमारी से कई सारे लोगो की जान भी चली गयी है। अक्सर देखा गया ही कि जिन मरीजों को कोरोना होता है उन्हें सांस लेने में काफी ज्यादा परेशानी होती है, ऐसे में डॉक्टर द्वारा मरीज को एचआरसीटी टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है ताकि यह पता लगाया जा सके कि  मरीज के फेफड़ो में कोरोना कितना फैल चूका है। इसके अलावा यह टेस्ट संक्रमण के कारण होने वाले रोगो का पता लगाने में भी मददगार साबित होता है। 
 
यह टेस्ट जिन मरीजों को कोरोना है या फिर ऐसे लोग जिनको कोरोना संक्रमित होने की संभावना है उन्हें भी यह टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है। जैसा की हमने आपको ऊपर बताया है कि इस टेस्ट में छाती की जांच की जाती है इस टेस्ट की सहायता से डॉक्टरों को उपचार करने में मदद मिलती है।
 
इसके साथ ही डॉक्टरों को मरीज के हालात का भी पता चल जाता है तथा यह भी समझने में सहूलियत होती है कि मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं। काफी सारे ऐसे मरीज होते है जिनको डायबिटीज या हार्ट से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या होती है या हार्ट से जुड़ी किसी बीमारी से संक्रमित होते है उनको कोरोना से ज्यादा खतरा होता है, यह भी एक कारण है कि इन लोगो को डॉक्टर एचआरसीटी जांच करवाने के लिए बोलते हैं। 
 
कई बार यह भी देखा गया है कि कोरोना के कारण फेफड़ो को बहुत ज्यादा नुकसान होता है और इस नुकसान को एचआरसीटी टेस्ट में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। 
 
Note: हमने ऊपर सिर्फ आपको HRCT Test के बारे में बताया है ताकि आपको इस टेस्ट के बारे में थोड़ी सी जानकारी हो सके।  यदि आपको HRCT Test करवाना हो तो अपने डॉक्टर से सलाह जरुर ले। 
 
निष्कर्ष 
 
हमने इस लेख में हमने HRCT Test के बारे में जानकारी देने को कोशिश की है, इस आर्टिकल के हमने HRCT Full Form in Medical, एचआरसीटी क्या होता है कैसे किया जाता है, एचआरसीटी किस प्रकार किया जाता है और भी कई सारे चीजों के बारे में बताया हैं।  मुझे आशा है हमारे द्वारा दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी सभीत हुई होगी। यदि आपको इस लेख की जानकारी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करे

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