आपने गौर किया होगा जब आप बाजार में सब्जियां लेने जाते हैं तो वहां पर आपको कभी कभी ऐसी सब्जियां मिलती है जिसका कोई सीजन ही नहीं होता। आपने काफी बार ध्यान भी दिया होगा जब आप किसी मॉल में जाते है तो वहां पर आपको हर तरह की सब्जियां आसानी से मिल जाती है जबकि उनका सीजन भी नहीं होता। ये बात बहुत सारे लोगो को सोचने में मजबूर कर देती है कि आखिर ऐसा कैसे संभव हो सकता है।
यह ऐसी चीज है जिसे देखकर हर कोई चौक जायेगा कि आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है। दोस्तों आपको बता दूँ ये किसी तरह का जादू नहीं है दरहसल ये विज्ञान और टेक्नोलॉजी का संयोग है जिसने हमारे लिए हर तरह की चीजों को आसान बनाने की हमेशा कोशिश की है और भविष्य में भी ये कोशिशें जारी रहने वाली है। और इस हैरान कर देने वाली टेक्नोलॉजी को Biotechnology कहा जाता है जिसने हमारी ज़िन्दगी बहुत ही आसान बना दिया है।
वैसे तो सुनने में बायोटेक्नोलॉजी एक नया नया लगता है लेकिन आपको बता दूँ ये कई साल पुराना है। और आज के समय में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर विकल्प काफी ज्यादा बढ़ चुके है ऐसे में आपको Biotechnology से जुड़ी हर तरह की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए इस लेख में हम What is Biotechnology in Hindi, इसमें अपना करियर कैसे बनाये के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे
बायोटेक्नोलॉजी क्या है? (What is Biotechnology in Hindi)
Biotechnology या जैव प्रौद्योगिकी जिसे Biotech के नाम से भी जाना जाता है। यह विज्ञान की ऐसी शाखा है जिसमे बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी शामिल होता है। यह ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसमे living organisms (जीव जंतु ) और उनके प्रोडक्ट का इस्तेमाल करके बेहतर प्रोडक्ट तैयार किये जाते है ताकि पेड़ पौधे और जीव जन्तुओ के नस्ल को और भी ज्यादा बेहतर बनाया जा सके।
बायोटेक्नोलॉजी एक ऐसी शाखा है जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने के लिए कई सारे नए नए और बेहतर चीजों का निर्माण करते है। फिर चाहे वो पौधे के नए और बेहतर किस्म तैयार करना हो जिनसे पैदावार अच्छे से हो सके और हमे ताजे और अच्छी Quality के फल और सब्जियां मिल सके। या फिर जीव जन्तुओ के लिए अच्छे प्रोडक्ट को तैयार करना हो जिनसे उनके नस्ल में सुधार हो सके।
दोस्तों Biotechnology का मतलब अच्छे से समझने के बाद अब यह जानना बेहद जरुरी हो जाता है कि आखिर बायोटेक्नोलॉजी की खोज कब हुई और किसने की।
Biotechnology की खोज
साल 1973 में Stanley N. Cohen और Herbert W. Boyer ने मिलकर Recombinant DNA (rDNA) की खोज की। जिसके बाद बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री का विकास तेजी से शुरू हुआ। दोस्तों बायोटेक्नोलॉजी शब्द का प्रयोग 1919 में सर्वप्रथम हंगरी के एग्रीकल्चर इंजीनियर कार्ल एरेकी ने किया था।
दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी भारत में बायोटेक्नोलॉजी को शुरू करने वाली एक महिला है जिसका नाम किरण मजूमदार शॉ है। जो विश्व के प्रसिद्ध बायोटेक्नोलॉजी कंपनी Biocon Limited की founder है।
दोस्तों Biotechnology की कई सारी शाखा होती है जो अलग अलग क्षेत्र से संबंधित है। तो अब हम उसे भी अच्छे से जान लेते है।
बायोटेक्नोलॉजी के शाखाएं
Biotechnology की मुख्यतः चार प्रकार की शाखा होती है जो इस प्रकार है –
- Blue Biotechnology
- Red Biotechnology
- White Biotechnology
- Green Biotechnology
Blue Biotechnology –
Blue Biotechnology का इस्तेमाल समुद्री और जलीय पर्यावरण के क्षेत्र में किया जाता है। ताकि समुद्री जल जीव जन्तुओ का प्रसार करने के लिए नए तकनीक की खोज और उनका विकास किया जा सके।
Red Biotechnology –
Red Biotechnology का प्रयोग चिकित्सा के क्षेत्र में नई नई खोज और दवाइयों का निर्माण करने के लिए किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी में कमजोर हो चुके मानव ऊतक को दोबारा से पुनर्जीवित करने के लिए स्टेम कोशिका को उपयोग में लाया जाता है।
White Biotechnology –
इस तकनीक का प्रयोग औद्योगिक क्षेत्र में नए नए रसायन का खोज और विकास करने के लिए किया जाता है इसके साथ ही परिवहन के लिए नए ईंधन का विकास करने के लिए भी White Biotechnology का प्रयोग किया जाता है।
Green Biotechnology –
इस बायोटेक्नोलॉजी का प्रयोग कृषि के क्षेत्र में कीटनाशक पदार्थों को तैयार करने और फसलों की पैदावार बेहतर करने वाले पदार्थों को तैयार करने के लिए किया जाता है।
इसके अलावा Biotechnology यानी जैव प्रोधोगिकी का इस्तेमाल मेडिकल के क्षेत्र में नए दवाओं का खोज करने और उसका उत्पादन करने तथा जेनेटिक टेस्ट करने के लिए किया जाता है। ऐसा होने से आज के समय में दवाइयां बड़े आसानी से मिल जाती है और उनकी कीमत भी कम होती है। इसके अलावा मेडिकल क्षेत्र में Biotechnology का प्रयोग करके बहुत सारी जानलेवा बीमारियों की दवाइयां तैयार कर ली गयी है। कोरोना बीमारी से बचने के लिए बनाई गयी वैक्सीन भी Biotechnology की देन है।
कृषि के क्षेत्र में भी Biotechnology अपनी अहम भूमिका निभाता है इसकी सहायता से फसलों की पैदावार बढ़ाना संभव हो पाया है।
दोस्तों अब हम जानेंगे की बायोटेक्नोलॉजी में अपना करियर बनाने के लिए कौन कौन से कोर्स करने के विकल्प है।
बायोटेक्नोलॉजी में करियर कैसे बनाए
Biotechnology यानि जैव प्रौद्योगिकी में कई सारे कोर्स मौजूद है आईये उसके बारे में अच्छे से जानते है।
Diploma Course –
बायोटेक्नोलॉजी से जुड़ा कोर्स करने के लिए आप 10वी के बाद भी प्रवेश ले सकते है क्युकी इस क्षेत्र में कई सारे कोर्स उपलब्ध है जैसे डिप्लोमा कोर्स। अगर आपने 10वी कक्षा पास कर लिया है तो आप इसके डिप्लोमा कोर्स को कर सकते है। इसकी समय अवधि 3 सालो की होती है। इसके लिए आपको राज्य द्वारा आयोजित Entrance Exam को पास करना पड़ेगा, आप चाहे तो किसी कॉलेज में सीधे एडमिशन भी ले सकते है।
बायोटेक्नोलॉजी विषय में कोई भी कोर्स करने के पहले आपका Science में रूचि होना बहुत जरुरी है अगर आपको Science में नई खोज, Research, experiment करने का Interest नहीं होगा तो आपका बायोटेक्नोलॉजी कोर्स करना व्यर्थ साबित होगा।
Under Graduate Course –
यदि आप 12वी के बाद बायोटेक्नोलॉजी कोर्स करना चाहते है, तो आप B.Sc Biotechnology कोर्स कर सकते है जिसकी समय अवधि 3 साल की होती है। वही B.Tech Biotechnology कोर्स की समय अवधि 4 सालो की होती है।
इस कोर्स को करने के लिए आपका 12वी साइंस स्ट्रीम (Physics, Chemistry, Maths, Biology) से होना जरुरी है। इस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए आपको Entrance Exam पास करना होगा जबकि कई सारे कॉलेज ऐसे भी है जो आपको इस कोर्स में सीधे प्रवेश दे देते है।
Post Graduate Course –
बात करे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कि तो बायोटेक्नोलॉजी में अपना ग्रेजुएशन/स्नातक पूरा करने के बाद आप चाहे तो पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स M.Sc Biotechnology या फिर M.Tech Biotechnology में प्रवेश ले सकते है। इस कोर्स को करके आप बायोटेक्नोलॉजी में अपनी अच्छी पकड़ बना लेंगे और इस क्षेत्र से जुड़े बेहतर करियर opportunity को भी हासिल कर लेंगे। इस कोर्स की समय अवधि 2 साल की होती है।
बायोटेक्नोलॉजी में M.Sc करने के लिए आपको JAM, और M.Tech करने के लिए GATE जैसे प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा।
Doctoral Program –
बायोटेक्नोलॉजी में post graduate पूरा करने के बाद अगर आप Doctoral ( डॉक्टर की उपाधि) की डिग्री लेना चाहते है तो आपको PhD कोर्स के लिए आवेदन करना होगा। इस कोर्स की समय अवधि 3 से 4 सालो की होती जो रिसर्च वर्क के ऊपर निर्भर करता है।
दोस्तों बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन और पोस्टग्रेडुएशन कोर्स करने के दौरान आप चाहे तो जेनेटिक्स, इम्यूनोलॉजी, सीरोलॉजी, फार्माकोलॉजी, Bio-Statistics ( जैव सांख्यिकी ), एनिमल हस्बेंड्री और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में से किसी एक में Specialization भी कर सकते है।
Career opportunity in biotechnology
बायोटेक्नोलॉजी में कोर्स करने के बाद आप कई सारे क्षेत्र में से अपने पसंद के करियर विकल्प को चुन सकते है। जैसे Medical Writing, हेल्थ केयर सेंटर, एनिमल हस्बेंड्री, जेनेटिक्स इंजीनियरिंग, Research Laboratory, Agriculture Sector, खाद्य निर्माण उद्योग और Pharmaceutical company (दवा कंपनी) आदि
यदि आप बायोटेक्नोलॉजी में डिप्लोमा करते है तो आपके पास पर्यावरण तकनीशियन, खाद्य सुरक्षा तकनीशियन, दवा अनुसंधान तकनीशियन, जैविक आपूर्ति निर्माता और नैदानिक प्रयोगशाला (Clinical Laboratory) जैसे कई सारे जॉब के विकल्प मिल जायेंगे।
Biotechnology में B.Sc करने के बाद आप बायोकेमिस्ट, एपिडेमीओलॉजिस्ट, लैब तकनीशियन, रिसर्च साइंटिस्ट, बायोटेक एनालिस्ट, लेक्चरर या प्रोफेसर जैसे पदों पर नौकरी पा सकते है। वही B.Tech से बायोटेक्नोलॉजी में स्नातक करने के बाद आप प्रयोगशाला सहायक, जैव प्रौद्योगिकी निर्यात, बिक्री प्रबंधक, विपणन कार्यकारी प्रशिक्षु, व्यवसाय विकास कार्यकारी, सहायक प्रोफेसर, Medical writing executive, Medical Representative जैसे पदों पर नौकरी पा सकते है।
बायोटेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट यानि M.Tech कर लेने के बाद आपके पास कई सारे करियर विकल्प मौजूद होते है जैसे माइक्रोबायोलॉजिस्ट, बैक्टीरियोलॉजिस्ट, एम्बीरोलॉजिस्ट, जेनेटिस्ट, इमुनोलॉजिस्ट, मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट, बायोएनालिटिकल केमिस्ट, मेडिकल बायोकेमिस्ट, एनवायरनमेंटल केमिस्ट, फार्माकोलॉजिस्ट आदि
वही M.Sc से बायोटेक्नोलॉजी करने के बाद सीनियर एसोसिएट साइंटिस्ट, रिसर्च बायोकेमिस्ट, सीनियर रेगुलेटरी अफेयर्स एसोसिएट, बायोटेक्नोलॉजी रिसर्चर, एसोसिएट इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोलर, रीजनल मैनेजर जैसे करियर विकल्प होते है।
अगर आप बायोटेक्नोलॉजी में PhD पूरा कर लेते है तो आप जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान, प्रक्रिया इंजीनियर, नैदानिक परियोजना प्रबंधक, प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी सलाहकार, अनुसंधान वैज्ञानिक, पेटेंट खोज विश्लेषक भी बन सकते है।
बायोटेक्नोलॉजिस्ट की सैलरी
बायोटेक्नोलॉजी करने के बाद अगर सैलरी की बात की जाए तो यह आपके कोर्स और अनुभव पर निर्भर करता है इसके साथ ही आप जहा काम करते है उस कंपनी पर भी निर्भर करता है।
करियर के शुरुआत में आपको औसत 2 लाख से 8 लाख सालाना सैलरी पैकेज मिलता है। सबसे अच्छी बात यह है की प्राइवेट और सरकारी दोनों जगहों में इसकी काफी ज्यादा मांग रहती है।
भारत में शीर्ष जैव प्रौद्योगिकी फर्म (Top Firm in India)
भारत में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई सारी फर्म काम कर रही है जिनमे से बेस्ट फर्म के नाम इस तरह है –
- Serum Institute of India
- Biocon Ltd.
- Panacea Biotech Ltd.
- Novo Nordisk
- SIRO ClinPharm
- Shantha Biotech
- GlaxoSmithKline Pharmaceuticals Ltd.
- Wockhardt Ltd.
- Indian Immunologicals Ltd.
दोस्तों बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत काफी ज्यादा आगे चली गए है यहाँ कई सारी बायोटेक के क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां काम कर रही है इसलिए यदि आप अपने करियर के रूप में बायोटेक्नोलॉजी को चुनते है तो आप इस क्षेत्र में Specialization करके अपने करियर को शानदार बना सकते है। लेकिन नवाचार और अनुसंधान से जुड़े इस क्षेत्र में अपना करियर बनाना इतना आसान नहीं है इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपका साइंस के प्रति रूचि होना बहुत जरुरी है इसके साथ ही आपको काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
अन्य जानकारी
निष्कर्ष
तो दोस्तों अब आप अच्छे से Biotechnology in Hindi के बारे में जान गए होंगे। इस लेख में हमने आपको Biotechnology से जुड़ी हर तरह की जानकारी दी है मुझे उम्मीद है इस आर्टिकल को पढ़कर आपके मन बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े जो भी सवाल रहे होंगे उन सभी के जवाब मिल गए होंगे।
फिर भी अगर आपके मन में Biotechnology से जुड़े कोई सवाल या इस पोस्ट से जुड़े कुछ सुझाव हो तो हमे कमेंट करके जरूर बताये। हमारे इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद