इस लेख में हम Veto Power Kya Hai in Hindi, वीटो पावर का प्रयोग कौन से देश कर सकते है के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे जैसा की आप सभी जानते है अभी तक दो बार विश्व युद्ध हो चूका है जिसमे काफी ज्यादा जान माल की हानि पहुंची थी तथा कई सारे ऐसे भी देश थे जिनको भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। इस प्रकार की घटना भविष्य में न हो इसके लिए UN (संयुक्त राष्ट्र संघ) का गठन किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान में छः अंग है, इसी में से एक अंग UNSC है। इस UNSC में कुल 15 सदस्य देश शामिल है जिसमे से पांच सदस्य देशों को Veto Power प्रदान किया गया है।
UNSC क्या है ?
यूएनएससी का पूरा नाम United Nations Security Council है हिंदी में इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कहते है। यह एक शक्तिशाली संस्था है जो संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) के छः अंगो में से एक है। इस संस्था के ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है।UNSC का गठन 1945 में किया गया था। इस सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश शामिल है जिनमे से पांच देश स्थायी सदस्य है और बाकि के देश अस्थायी सदस्य है।
इस सुरक्षा संघ की अध्यक्षता अल्फाबेटिकल आर्डर में हर महीने बदलते रहता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए UNSC अपने बल का इस्तेमाल भी कर सकता है।
Veto Power kya Hai
वीटो का अर्थ है मैं निषेध करता हूँ (I forbid)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जब भी कोई प्रस्ताव लाया जाता है तो उस प्रस्ताव पर स्थायी सदस्य विचार विमर्श करते है, यदि स्थायी सदस्य देशों में से कोई भी एक देश लाये गए प्रस्ताव में अपनी सहमति नहीं व्यक्त करता, तो उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया जाता है। प्रस्ताव को खारिज करने की शक्ति को हो वीटो पावर कहा जाता है।
रूस UNSC का स्थायी सदस्य है और वर्तमान समय में रूस को यूएनएससी की अध्यक्षता भी प्राप्त है। ऐसे में स्थायी सदस्य होने के नाते रूस ने वीटो पावर का प्रयोग किया। जिसके कारण UNSC के बैठक में लाया गया निंदा प्रस्ताव खारिज हो गया।
कौन से 15 देश UNSC के सदस्य है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश है। इनमे से 5 देश स्थायी देश है और बाकि के 10 देश अस्थायी सदस्य है। स्थायी सदस्य देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), इंग्लैंड, फ्रांस, रूस और चीन शामिल है। इन पांच स्थायी सदस्य देशों को ही वीटो पावर प्राप्त है। जब परिषद में कोई भी प्रस्ताव या मुद्दा आता है तो उस मुद्दे पर इन पांच देशों का सहमति होना जरुरी है। यदि इनमे से कोई भी एक देश सहमत नहीं होता तो परिषद में प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दिया जाता। संयुक्त राष्ट्र का निर्माण करने में इन देशों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है इसी लिए इन देशों को कुछ विशेष अधिकार मिले हुए है।
वही बात की जाए अस्थायी देशों की तो अल्बानिया, भारत, ब्राजील, गैबोन, घाना, आयरलैंड, केनया, मेक्सिको, नॉर्वे और संयुक्त अरब अमीरात (UAE), UNSC के अस्थायी सदस्य है। इन देशों को वीटो पावर प्राप्त नहीं है।
किन देशों के पास वीटो पावर है (Veto Power Country List)
वर्तमान में केवल पांच देशों को वीटो पावर प्राप्त है –
- अमेरिका
- रूस
- चीन
- इंग्लैंड
- फ्रांस
रूस ने भारत के पक्ष में वीटो पावर का प्रयोग कब किया है ?
रूस ने भारत के पक्ष में कई बार वीटो पावर का प्रयोग किया है। रूस ने सबसे पहले 1957 में कश्मीर मुद्दे पर भारत के पक्ष में वीटो पावर का उपयोग किया था।
Conclusion
तो दोस्तों अब आप अच्छे से वीटो पावर (Veto Power) के बारे में जान गए होंगे। इस लेख में हमने वीटो पावर क्या है, वीटो पावर किन देशों को प्राप्त है जाना इसके साथ ही हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बारे में विस्तार से जानकारी दिया।
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