इस लेख में हम Janam Kundali Kaise Dekhe और इसे देखने का सही तरीका क्या है उसके बारे में विस्तार से जानकरी देंगे। आप सभी भलीभांति जानते है की हिन्दू धर्म कुंडली कितना ज्यादा मायने रखता है। जैसे ही किसी के घर में संतान का जन्म होता है तुरंत उस संतान का कुंडली तैयार किया जाती है, यह कुंडली उसके जीवन के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी व्यक्ति का भाग्य उसके जन्म के पहले से ही निर्धारित होता है और जन्म के बाद भाग्य कुंडली के रूप में व्यक्ति के जन्मपत्री के साथ संयोग हो जाता है। इसलिए ज्यादातर लोग अपने बच्चे के जन्म होने के तुरंत बाद ही किसी ज्योतिषी के पास जाकर कुंडली बनवा लेते है। लेकिन यहाँ एक समस्या लगभग सभी लोगो में होती है कि उन्हें कुंडली देखना नहीं आता है जिसके कारण लोग ज्योतिषी के पास जाकर कुंडली दिखवाते है। यदि आप भी अपनी कुंडली को स्वयं देखना चाहते है तो आप इस लेख पर बने रहे।

जन्म कुंडली क्या है (What is Horoscope)
जन्म कुंडली एक तरह की पत्री होती है जिसमे व्यक्ति के जन्म के समय आकाश मंडल के ग्रह, नक्षत्र व राशियों की स्थिति को दर्शाया जाता है। जन्म कुंडली में 12 खाने होते है इनकी खानो में अलग अलग राशि व ग्रह बैठे होते है जिसके जरिये व्यक्ति के भाग्य के बारे में जानकारी मिलती है। जन्मकुंडली की सहायता से व्यक्ति के भविष्य, वर्तमान और भूतकाल के बारे में जाना जा सकता है। साथ ही साथ कुंडली के द्वारा सूर्य, चन्द्रमा, नक्षत्रो और अन्य ग्रहो की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
कुंडली में भाव क्या होता है?
आपने कुंडली में देखा होगा उसमे 12 खाने बने होते है, इन्ही खानो को भाव तथा घर भी कहा जाता है। कुंडली के 12 खाने या भाव व्यक्ति के पूरी जीवन की व्याख्या करता है।
Kundali के भाव
- प्रथम भाव – चरित्र, स्वभाव, रंग रूप
- द्वितीय भाव – धन, वाणी, प्रारंभिक शिक्षा
- तृतीय भाव – साहस, पराक्रम
- चतुर्थ भाव – सुख भाव (इसमें वाहन, सम्पत्ति आदि को देखा जाता है)
- पंचम भाव – उच्च शिक्षा, प्रेम, बच्चे
- पुष्प भाव – शत्रु, रोग, कॉम्पिटिशन
- सप्तम भाव – विवाह साथी (इसमें आपके जीवन में आने वाले जीवन साथी को देखा जाता है)
- अष्टम भाव – इसमें जीवन में आने वाले अचानक घटना का बोध होता है
- नवम भाव – धर्म, गुरु और भाग्य, लंबी दुरी
- दशम भाव – कर्म
- एकादश भाव – लाभ
- द्वादश भाव – हानि
राशि की पहचान कैसे की जाती है
- मेष राशि (नाम अक्षर: चू,चे,चो,ला,ली,लू,ले,लो,अ)
- वृष राशि (नाम अक्षर: ई,उ,ए,ओ,वा,वी,वू,वे,वो)
- मिथुन राशि (नाम अक्षर: क,की,कु,घ,ड,छ,के,को,ह
- कर्क राशि (नाम अक्षर: हि,हु,हे,हो,डा,डी,डू,डे,डो)
- सिंह राशि (नाम अक्षर: मा,मी,मू,में,मो,टा,टी,टू,टे)
- कन्या राशि (नाम अक्षर: टो,पा,पी,पू,ष,ण,ठ,पे,पो)
- तुला राशि (नाम अक्षर: रा,री,रु,रे,रो,ता,ती,तू,ते)
- धनु राशि (नाम अक्षर: ये,यो,भा,भी,भू,धा,फ,ढ,भे)
- मकर राशि (नाम अक्षर: भो,ज,जा,जी,जे,जो,खा,खी,खु,खे,खो,गा,गी,ज्ञ)
- कुम्भ राशि (नाम अक्षर: गु,गे,गो,सा,सी,सु,से,सो,दा)
- मीन राशि (नाम अक्षर: दी,दू,थ,झ,दे,दो,चा,चि)
राशियों के स्वामी के नाम
- मेष का स्वामी = मंगल
- वृष का स्वामी = शुक्र
- मिथुन का स्वामी = बुध
- कर्क का स्वामी = चन्द्रमा
- सिंह का स्वामी = सूर्य
- कन्या का स्वामी = बुध
- तुला राशी का स्वामी = शुक्र
- वृश्चिक का स्वामी = मंगल
- धनु का स्वामी = गुरु
- मकर का स्वामी = शनि
- कुम्भ का स्वामी = शनि
- मीन का स्वामी = गुरु
कुंडली में ग्रहो के प्रकार
- सूर्य ग्रह
- चंद्र ग्रह
- मंगल ग्रह
- बुध ग्रह
- बृहस्पतिवार ग्रह
- शुक्र ग्रह
- शनि ग्रह
- राहु ग्रह
- केतु ग्रह
Kundali देखने का आसान तरीका (Janam Kundali Kaise dekhe)
- कुंडली देखने के आपके सबसे पहले एक वेबसाइट पर जाना होगा जिसका नाम www.freekundli.com है।
- इसके बाद आपके सामने एक फॉर्म खुल जायेगा।
- इस फॉर्म में आपको अपना नाम, जन्मतिथि, जन्म समय आदि सभी प्रकार की जानकरी को भरकर सबमिट करना होगा।
- इसके बाद आपकी जन्म कुंडली खुलकर आ जाएगी। आप अपनी कुंडली का प्रिंटआउट भी निकाल सकते है।
अन्य जानकारी
दोस्तों अब आप अच्छे से कुंडली के बारे में जान गए होंगे। इस लेख में हमने आपको कुंडली क्या होता है, कुंडली में कितने भाव होते है, Janam Kundali Kaise Dekhe उसके बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराया। मैं आशा करता हूँ हमारे द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। यदि आपके आर्टिकल पसंद आया तो इसे शेयर जरूर करे और इससे जुड़े किसी तरह का सवाल या सुझाव हो तो कमेंट में जरूर बताये। धन्यवाद..