यदि आप PDS Full Form Hindi से जुड़ी जानकारी चाहते है यह पोस्ट आपके लिए बहुत उपयोगी होगा। PDS प्रणाली को देश की गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इस प्रणाली के जरिये इन गरीब इस प्रणाली के जरिये इन गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगो को कम कीमत में राशन प्रदान किया जाता है। इस प्रणाली को सरकार ने गरीब लोगो के मदद के लिए बनाया था।
लेकिन वतर्मान में इस प्रणाली की स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ी नजर आती है जिसका मुख्य कारण है भ्रष्टाचार आज का हमारा यह लेख इसी PDS के ऊपर आधारित है। इस लेख में हम आपको PDS Full Form in Hindi, PDS क्या होता है?, PDS का उद्देश्य तथा कार्यप्रणाली क्या है, PDS के नकारात्मक बिंदु के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे इसलिए आप पोस्ट पर अंत तक बने रहे।

PDS Full Form in Hindi
PDS का फुल फॉर्म “Public Distribution System” होता है। हिंदी में PDS को सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी कहा जाता है।
PDS क्या है
जैसा की हमने बताया यह एक प्रकार की प्रणाली है जिसके माध्यम से देश की गरीब और पिछड़े वर्ग की जनता और उनके परिवार वालो को कम दामों में गेहूं, चावल, शक्कर, दाल आदि उपलब्ध कराया जाता है। इन सभी जरूरत की चीजों को एक सरकारी दुकान के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। सरकारी दुकान के इसी जाल को ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) कहा जाता है।
इस सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन केंद्र सरकार और राज्य सरकार आपस में मिलकर करती है। केंद्र सरकार का कार्य अनाज को खरीदना, उसका भंडारण करना, राज्य सरकार को राशन मुहैया करवाना, उसके परिवहन और अनाज को थोक में उपलब्ध कराना आदि होता है। वही राज्य सरकार का मुख्य काम होता है केंद्र सरकार के द्वारा उपलब्ध कराई जा रही अनाज को देश की गरीब जनता तक पहुँचाना।
राज्य सरकार, राज्य के विभिन्न राशन की दुकानों के द्वारा यह सुनिश्चित करता है कि उनके जरिये राज्य के सभी गरीब परिवारों तक राशन पहुंच सके। इसके अलावा राज्य सरकार का काम गरीब परिवारों की पहचान करना और उनका राशन कार्ड जारी करना होता है। भारतीय खाद्य निगम से द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को संभाला जाता है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जिन दुकानों के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया जाता है उसे उचित मूल्य की दूकान के नाम से जाना जाता है। यह दुकाने राशन कार्ड धारको को कम कीमत में राशन प्रदान करती है। इन दुकानो में मिट्टी का तेल, शक्कर, चावल, दाल, नमक, गेहू आदि जरूरत की चीजे बाजार से काफी कम दामों में उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में इन सरकारी दुकानों का नेटवर्क काफी ज्यादा बढ़ चूका है, भारत में लगभग 5 लाख सरकारी दुकान है।
पब्लिक वितरण प्रणाली का इतिहास और उद्देश्य
वैसे तो इस प्रणाली की शुरुआत 1947 में हो गयी थी लेकिन कुछ सालो के लिए इस पर विराम लगा दिया गया था। फिर बाद में 1960 दशक की शुरुआत में भोजन की कमी के कारण इस प्रणाली को वापस तेजी के साथ शुरू किया गया। इस योजना के तहत सरकार ने पिछड़े इलाकों में जहां पर खाद्य पदार्थ की आपूर्ति बहुत कम थी, वहां कुछ राशन की दुकान खोली। आगे चलकर 1992 में सरकार ने बड़े पैमाने में सरकारी दुकान खोली। आज के समय में लगभग हर क्षेत्र में आपको ये दुकान देखने को मिल जायेगी।
PDS प्रणाली का मुख्य उद्देश्य देश के हर वो नागरिक जो गरीब है और बाजार की कीमत पर राशन खरीदने में असमर्थ है, उनको कम से कम कीमत पर राशन मुहैया करवाना है।
PDS कैसे काम करती है?
सरकार सबसे पहले MSP पर किसानों से धान, गेहूं, दाल व अन्य प्रकार की फसल की खरीदी करती है, फिर इसी अनाज को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सरकारी दुकानों के द्वारा गरीब लोगो को कम कीमत में उपलब्ध कराती है। अनाज की खरीदी करना, उसका भंडारण करना साथ ही ट्रांसपोर्ट कार्य की देखभाल करना केंद्र सरकार का कार्य होता है। बाद में उस अनाज का वितरण राज्य सरकारों को कर दिया जाता है। जहा से आगे का काम राज्य सरकार अपने अनुरूप करती है।
राज्य सरकार लाइसेंस विधि के द्वारा कोटेदारो का चयन करता है जोकि सरकारी राशन दुकानों का संचालन करता है और उसी क्षेत्र का होता है। कोटेदारो के सभी मानक राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित किये जाते है।
Public Distribution System (PDS) की कमियां
- इसमें कोई शक की बात नहीं है कि सरकार द्वारा चलायी जा रही यह योजना गरीब लोगो के लिए काफी ज्यादा लाभकारी है, इस योजना के चलते गरीब लोगो के स्थिति में काफी सुधार देखने को मिला है, साथ ही इस योजना को ज्यादा से ज्यादा नागरिको तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। हालाँकि सरकार द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे अनाज पर कुछ धन पशु अपनी नजर जमाये रखते है और इसमें भ्रष्टाचार करते है।
- इस प्रणाली में ज्यादातर निम्न कोटि का राशन उपलब्ध होता है। क्योंकि इस प्रणाली के जरिये इन गरीब सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रही उच्च कोटि के राशन में कुछ धन पशु अपनी जेब भरने के लिए घटिया क्वालिटी के अनाज का मिलावट करते है। और लोगो को खराब क्वालिटी के अनाज का वितरण करते है।
- ग्रामीण इलाकों में इस प्रकार की भ्रष्टाचार के लिए मुख्य रूप से ग्राम के प्रधान उत्तरदायी होते है जो वोट पाने के लालच में ऐसे लोगो का राशन कार्ड जारी कर देते है जो गरीबी रेखा से निचे भी नहीं होते। ऐसे में यह एक कड़ी कार्यवाही का विषय बन जाता है जिसकी शिकायत आप सीधे जिला कलेक्टर के पास कर सकते है।
ये PDS की सबसे बड़ी कमियां है जिस पर सरकार को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि इस प्रणाली के जरिये इन गरीब अगर ऐसे ही आगे चलता रहा तो कई सारे जरूरतमंद लोग इस योजना से वंचित रह जायेंगे।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार
- पीडीएस प्रणाली के अंतर्गत सुधार लाने के लिए कई सारी समितियां भी बनाई गई है जिसके कारण इस प्रणाली में कुछ हद तक सुधार देखने को मिला है। लेकिन कुछ राज्य इन सुधार को करने के लिए तैयार नहीं है वे आज भी पुराने तरीके से चल रही है और उसमे किसी तरह का बदलाव नहीं किया है।
- छत्तीसगढ़ का PDS मॉडल आज के समय में काफी ज्यादा उन्नत मॉडल माना जाता है क्योंकि इस प्रणाली के जरिये इन गरीब इस मॉडल में राशन पहुंचने के लिए पिले रंग के वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है जिसमे जीपीएस लगा होता है। इस तरह से यदि वाहन सामान पहुंचाने के समय बीच रास्ते में कही रुक जाता है तो इसी सुचना तुरंत मिल जाती है। छत्तीसगढ़ के PDS मॉडल को सभी राज्यों में खासकर बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड में लागू करना चाहिए।
- वाधवा कमेटी ने भी PDS सिस्टम में बहुत सी कमियां निकाली है साथ ही कमियों को दूर करने के लिए कई प्रकार के सुझाव भी दिए है।
अगर अभी से इस प्रणाली में सरकार ने अच्छे से सुधार नहीं किया तो आगे चलकर यह प्रणाली पूरी तरह से भ्रष्ट हो जाएगी।
निष्कर्ष
तो दोस्तों अब आप अच्छे से समझ गए होंगे कि यह प्रणाली जमीनी स्तर पर कितनी ज्यादा सफल और फायदेमंद है। इस लेख में हमने आपको PDS Full Form, PDS क्या होता है?, PDS कैसे काम करता है?, PDS प्रणाली का इतिहास, PDS प्रणाली का उद्देश्य और इस प्रणाली में क्या कमियां है के बारे में विस्तार से जानकारी देने का प्रयत्न किया है। मुझे आशा है हमारे द्वारा इस लेख में दी गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। यदि आपको हमारे इस लेख की जानकारी पसंद आये तो इसे शेयर जरूर है और इस लेख से जुड़े किसी तरह का सवाल या सुझाव अगर आपके मन में है तो हमे कमेंट में लिखकर जरूर बताएं। पोस्ट पर अंत तक बने रहने के लिए धन्यवाद..