Judge Kaise Bane जज बनने के लिए क्या करे

 
जज का पद न्यायिक व्यवस्था में शीर्ष पद होता है, इस पद पर कार्यरत व्यक्ति के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारियां होती है। कई सारे युवा है जिनका जज बनने का सपना होता है ऐसे में आपको बता दूँ जज बनने का सफर काफी लम्बा होता है इसके लिए आपको बहुत मेहनत करने की जरूरत होती है। साथ ही आपको परीक्षाओ से भी होकर गुजरना होता है। यदि आप जानना चाहते है कि जज कैसे बनते है तो यह लेख अंत तक जरूर पढ़े। 

इस लेख में हम आपको Judge Kaise Bane, जज बनने की योग्यता क्या है, कहाँ तक पढ़ाई करना होता है, कौन कौन से परीक्षाओ को पास करना होता है आदि के बारे मे विस्तार से जानकारी देंगे। 
 
Judge Kaise Bane

 

Judge Kaise Bane – जज कैसे बने 

Judge बनने के लिए सबसे पहले आपको बैचलर इन लॉ यानी LLB की डिग्री हासिल करनी होगी। लॉ की डिग्री आप दो तरह से हासिल कर सकते हैं। पहला 12वीं के बाद आप BA LLB कोर्स कर सकते हैं जो कि 5 साल का होता है। वही अगर आपने अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है तो आप एलएलबी की 3 साल का डिग्री कोर्स कर सकते हैं।
 
LLB की डिग्री हासिल करने के बाद आपको एक अधिवक्ता या वकील के रूप में पंजीकृत होना पढ़ता है। पंजीकृत होने के बाद आप अधिवक्ता के तौर पर वकालत कर सकते है। वकालत में 7 वर्ष का अनुभव हो जाने के बाद आप जज के लिए आयोजित की जानी वाली परीक्षा में शामिल हो सकते है।
 
देश में न्यायाधीश की  तीन प्रमुख श्रेणियां है – सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और जिला न्यायालय के न्यायाधीश। जिला न्यायालय तीन प्रकार होते है सिविल न्यायालय, क्रिमिनल न्यायालय, राजस्व न्यायालय। जिला न्यायालय में न्यायाधीशों की कई सारी उप श्रेणियाँ होती है जैसे सिविल कोर्ट के जज, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, संयुक्त जिला न्यायाधीश आदि। 
 

जज बनने की परीक्षा

न्यायाधीश बनने के लिए आपको न्यायिक सेवा परीक्षा (Judicial Service Exam) या प्रांतीय सिविल सेवा -न्यायिक परीक्षा PCS (J) में शामिल होना पड़ता है। यदि आप बिना किसी अनुभव के न्यायाधीश बनना चाहते है तो आपको न्यायिक सेवा परीक्षा पास करना होगा। PCS (J) परीक्षा उम्मीदवार के लिए अधीनस्थ न्यायपालिका के अभ्यास सदस्य बनने के लिए है।
 
जिन छात्रों ने हालही में अपना स्नातक पूरा किया है वे इस परीक्षा को पास करके अधीनस्थ न्यायालय के न्यायाधीश बन सकते है। न्यायिक सेवा परीक्षा मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है।
  • निचली न्यायिक सेवाएं (LJC)
  • उच्च न्यायिक सेवाएं (HJC)
इन दोनों परीक्षा का प्रारूप एक समान होता है ये दोनों परीक्षा तीन चरणों में आयोजित होती है –
 
प्रारंभिक परीक्षा – इस पहले चरण की परीक्षा में उम्मीदवारों से बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते है। इसमें दो प्रश्न पत्र होते है जिसमे से पहले प्रश्न पत्र में सामान्य ज्ञान से जुड़े सवाल पूछे जाते है जिसे हल करने के लिए दो घंटे का समय दिया जाता है और यह पेपर 150 अंक का होता है । वही दूसरे प्रश्न पत्र में लॉ से जुड़े सवाल पूछे जाते है जिसे हल करने के लिए दो घंटे का समय दिया जाता है, यह प्रश्न पत्र 300 अंको का होता है। प्रारंभिक परीक्षा को पास करने के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 60% अंक तथा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 55% अंक हासिल करने होते है।
 
मुख्य परीक्षा – प्रारंभिक परीक्षा मे सफल हो जाने वालो उम्मीदवार मुख्य परीक्षा देने के पात्र हो जाते है। इस परीक्षा में पांच प्रश्न पत्र होते हैं प्रत्येक प्रश्न पत्र को हल करने के लिए तीन घंट का समय दिया जाता है। मुख्य परीक्षा में सफल होने के लिए उम्मीदवारों को प्रत्येक प्रश्न पत्र में 40% अंक और कुल मिलकर 50% अंक प्राप्त करने होते है। जो उम्मीदवार इस परीक्षा में सफल हो जाता है उसे अगले चरण के परीक्षा में बुलाया जाता है जो साक्षात्कार होता है।
 
साक्षात्कार – मुख्य परीक्षा में सफल हुए उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है जहा भर्ती पैनल के द्वारा उनका साक्षात्कार लिया जाता है।
 

निचली न्यायिक सेवा (LJS) परीक्षा

LJS परीक्षा राज्य अदालतों में सिविल जज की नियुक्ति के लिए राज्य लोक सेवा आयोग या उच्च न्यायालय के द्वारा आयोजित किया जाता है।
 
योग्यता – इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन कर्ता के पास लॉ कोर्स की स्नातक डिग्री होनी इसके अलावा कुछ राज्यों में क्षेत्रीय भाषा को मुख्य मापदंड भी रखा जाता है।
 
आयुसीमा – आयु सीमा की बात की जाए तो इस परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 35 वर्ष निर्धारित की गयी है। राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित आयु सीमा में आरक्षित वर्ग OBC/ST/SC के उम्मीदवारों को कुछ छूट भी प्रदान किया जाता है। जानकारी के लिए आपको बता दूँ आयु सीमा अलग अलग राज्यों में अलग अलग हो सकता है।
 

उच्च न्यायिक सेवाएं (HJS) परीक्षा

HJS परीक्षा Civil Judge की पदोन्नति के लिए आयोजित की जाती है। HJS परीक्षा में सफल होकर सिविल जज, जिला न्यायाधीश के पद पर पदोन्नति पा सकता है है। इसके अलावा इस परीक्षा को जिला जजों के तौर पर नियुक्त होने वाले अधिवक्ताओं के लिए भी आयोजित की जाती है। अधिवक्ता वकील होते है जो अखिल भारतीय बार परीक्षा को पास करने के लिए राज्य बार काउंसिल में अपना नामांकन करते है।
 
योग्यता – इस परीक्षा में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार का वकील होना जरुरी है साथ ही वकालत में न्यूनतम सात साल का अभ्यास होना भी अनिवार्य है। यह योग्यता अलग अलग राज्यों में अलग अलग हो सकता है।
 
आयु सीमा – उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 35 वर्ष और अधिकतम आयु 45 वर्ष होना चाहिए। दोस्तों यह आयु सीमा भी अलग अलग राज्यों में अलग अलग हो सकता है।
 
HJS परीक्षा में आवेदन करना फायदेमंद होता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद जब आपका चयन किया जाता है तो आपको अतिरिक्त जिला नयायाधीश के रूप में नियुक्त किया जाता है। जो आपके पदोन्नति की संभावनाओ को बढ़ा देता है।
 

District Judge Kaise Bane (जिला न्यायाधीश कैसे बने)

जिला न्यायाधीश बनने के लिए तीन मुख्य तरिके होते है जिनमे से दो तरीको में HJS परीक्षा में बैठना शामिल है। जिला न्यायाधीश बनने के लिए तरिके इस प्रकार है –
 
नियमित पदोन्नति – Civil Judge को उनके कानून अभ्यास के दौरान हासिल किये उपलब्धियों को देखते हुए और सिफारिश के माध्यम से जिला न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति किया जाता है।
 
त्वरित पदोन्नति – सिविल न्यायाधीश जो जिला न्यायाधीश के रूप में पदोन्नति होना चाहते है वे अपनी सेवा के न्यूनतम वर्षो को पूरा करने के बाद HJS परीक्षा में आवेदन कर सकते है। इसके प्रक्रिया के माध्यम से 10% जिला न्यायाधीशों को काम पर रखा जाता है।
 
सीधी भर्ती – इसमें उम्मीदवारों को HJS परीक्षा के तीनो चरणों को अच्छे से पास करना होता है। जब वे HJS परीक्षा को पास कर लेते है तब उन्हें जिला न्यायाधीश बना दिया जाता है।
 

High Court Judge Kaise Bane

उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनने के लिए उम्मीदवार का भारत का नागरिक होना चाहिए। साथ ही उसे भारत में 10 साल तक न्यायिक पद पर रहना चाहिए या उसे 10 साल तक किसी उच्च न्यायालय का वकील होना चाहिए। इसके अतिरिक्त उच्च न्यायालय का जज बनने के लिए उम्मीदवार की आयु 62 वर्ष से कम होना चाहिए। इसके अलावा जिला न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति के परामर्श के अनुसार भी किया जाता है।
 
आपके जानकारी के लिए बता दूँ जिला न्यायाधीश 62 साल की आयु तक ही इस पद पर रह सकता है इसके बाद वह सेवानिवृत्त हो जाते है।
 

Supreme Court Judge Kaise Bane

सुप्रीम कोर्ट का जज बनने के लिए उम्मीदवार का भारत का नागरिक होना चाहिए। वही उम्मीदवार का 5 वर्षो का उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए या कम से कम 10 वर्षो तक किसी उच्च न्यायालय का अधिवक्ता होना चाहिए। इसके अलावा वह व्यक्ति भी सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया जा सकता है यदि वे भारत के राष्ट्रपति के अनुसार प्रतिष्ठित न्यायविद हो।
 
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के बाद भारत का मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) आता है। भारत का मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के साथ साथ राष्ट्रपति के सिफारिश पर नियुक्त किया जाता है।
 
निष्कर्ष
 
दोस्तों जज बनना कोई आसान काम नहीं होता, भारत में जज बनने के लिए आपको कठिन परिश्रम और लगातार अभ्यास करना होता है। जज की नौकरी बहुत सारी जिम्मेदारियों के साथ आती है। इस लेख में हमने आपको Judge Kaise Bane से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई है। मैं आशा करता हूँ हमारे द्वारा उपलब्ध कराई गयी जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी। यदि आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे शेयर जरूर करे और इस लेख से जुड़े किसी तरह का सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट में लिखकर जरूर बताये। लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद..

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