इस लेख में हम आपको Resume Kya Hota Hai, Resume Kaise Banaye के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। क्योंकि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में एक अच्छी नौकरी हासिल करना बहुत मुश्किल काम हो गया है। ऐसे में यदि आप कही पर नौकरी के लिए आवेदन करना चाहते है तो सबसे पहले अपना रिज्यूम बनाना पड़ता है। देखा जाए तो रिज्यूम ही नौकरी पाने की पहली सीढ़ी है। अच्छा रिज्यूम नौकरी दिलाने के लिए काफी ज्यादा मददगार साबित होता है। आपके द्वारा दिए रिज्यूम को पढ़कर इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति आपके बारे में कई प्रकार की जानकारी जैसे आपमें कहा तक पढ़ाई की है, आपके पास कौन कौन से कौशल है, आपका कार्य क्षेत्र में कितना अनुभव है आदि तरह की जानकारी प्राप्त कर लेता है। आपके रिज्यूम को पढ़ने के बाद ही इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति तय करता है कि आप इंटरव्यू देने के योग्य है की नहीं। आप कही पर भी नौकरी के लिए आवेदन करे सभी जगह रिज्यूम की जरूरत होती है।

रिज्यूम क्या होता है (Resume in Hindi)
Resume एक प्रकार का दस्तावेज होता है, जो सिर्फ 1 या 2 पेज का होता है जिसमे व्यक्ति अपने करियर बैकग्राउंड, कौशल, कार्य अनुभव, उपलब्धियों को दर्शाता है। रिज्यूम में व्यक्ति अपनी Professional और Personal जानकारी शॉर्ट में लिखता है। आप जॉब प्रोफाइल के हिसाब से अपने रिज्यूम में कुछ बदलाव भी कर सकते है।
किसी भी कंपनी में नौकरी पाने के लिए रिज्यूम बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि एक अच्छा रिज्यूम कंपनी के हायरिंग मैनेजर पर बहुत अच्छा प्रभाव डालता है। जब आप अपना रिज्यूम कंपनी के HR के पास जमा करते है तो HR उसे अच्छे से देखता है। और आपके रिज्यूम को देखकर HR इस बात का निर्णय लेता है की आपको इंटरव्यू के लिए बुलाना है की नहीं।
Resume के माध्यम से ही हायरिंग मैनेजर आपके कौशल, कार्य क्षमता, अनुभव को चेक करता है। इसलिए हमेशा Resume को अच्छे से बनाये और जरुरी जानकारी को अच्छे तरीके से प्रदर्शित करे ताकि आपके इंटरव्यू के लिए Select होने के Chance बढ़ सके।
Resume का उद्देश्य (Objective)
आपका और कंपनी का समय बचाने के लिए रिज्यूम एक बहुत अच्छी प्रणाली है। जब कोई कंपनी जॉब वैकेंसी निकालती है तो अपने नोटिफिकेशन में जॉब प्रोफाइल, वेतन और योग्यता के बारे में विस्तार से जानकारी देती है। जिसके कारण आवेदन करने वालो से सबसे पहले रिज्यूम की मांग की जाती है। Resume के आधार पर की हायरिंग मैनेजर इस बात का निर्णय लेता है कि कैंडिडेट जॉब के लिए योग्य है कि नहीं। यदि हायरिंग मैनेजर को लगता है कि कैंडिडेट जॉब के लिए योग्य नहीं है तो वह उस कैंडिडेट के रिज्यूम को सेलेक्ट नहीं करता।
वही अगर आप बिना रिज्यूम के कंपनी में सीधे इंटरव्यू के लिए चले गए और बाद में आपको पता चले कि जॉब प्रोफाइल आपके लिए नहीं है या आप जॉब के लिए योग्य नहीं है तो कंपनी और आपका दोनों का समय बर्बाद होगा साथ ही पैसे की भी बर्बादी होगी। इसी सब चीजों को देखते हुए हर कंपनी में इंटरव्यू से पहले रिज्यूम को मांग की जाती है।
Resume में क्या क्या लिखना चाहिए
Contact Details (संपर्क विवरण) : अपना रिज्यूम में संपर्क जानकारी लिखते समय उसमे अपना पूरा नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस अवश्य लिखे। इसके अलावा यदि आपका linkedin में प्रोफाइल है तो आप उसे भी शामिल जरूर करे।
Introduction (परिचय) : इसमें आपको अपने प्रमुख योग्यताओ तथा विशेषताओ के बारे में संक्षिप्त से विवरण करना होता है। इसमें आप वर्तमान समय में किस प्रोफेशन में है, आपको ताकत, उपलब्धियां क्या है आदि के बारे में संक्षिप्त में बता सकते हैं।
Education (शिक्षा) : रिज्यूम के इस भाग में आपको अपने शिक्षा के बारे में विवरण करना होता है। इसमें आपने कहाँ तक शिक्षा हासिल की है और किस कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की है उसके बारे में बताना होता है।
Work Experience (कार्य अनुभव) : यहाँ आप अपने कार्य अनुभव के बारे में सूचीबद्ध तरीके से जानकारी दे। आप अपना जॉब प्रोफाइल, आपने किस कंपनी में काम किया है और कितने सालो तक काम किया है उसके बारे सूचीबद्ध तरीके से जानकारी दे। यह भाग रिज्यूम के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन यदि आपने पहले कभी नौकरी नहीं की है यानि आप Fresher है तो कार्य अनुभव के बारे में लिखने की कोई जरूरत नहीं है।
Skill (कौशल) : अपने रिज्यूम में उन कौशल को शामिल करे जो जॉब प्रोफाइल से मेल खाते हो। आप कठिन कौशल और सॉफ्ट कौशल को मिलाकर प्रस्तुत कर सकते है।
Achievements (उपलब्धि) : इस भाग में आपको अपने उपलब्धियों को लिखना होता है जैसे आपको किसी कंपनी में काम करते वक्त कोई अवार्ड से नवाजा गया है या कुछ सर्टिफिकेट हासिल किया हो।
रिज्यूम के प्रकार (Types of Resume)
ज्यादातर लोगो को यही लगता है कि रिज्यूम लिखने का एक ही तरीका होता है लेकिन आपको बता दूँ रिज्यूम कई प्रकार के होते है और प्रत्येक रिज्यूम का प्रयोग अलग अलग तरीके से किया जाता है।
रिज्यूम मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है –
- कालानुक्रमिक रिज्यूम
- कार्यात्मक रिज्यूम
- लक्षित रिज्यूम
- संयोजन रिज्यूम
कालानुक्रमिक रिज्यूम (Chronological Resume)
इस प्रकार के रिज्यूम में सबसे पहले प्रोफेशनल एक्सपीरियंस को दर्शाया जाता है। इस रिज्यूम का प्रयोग वे लोग करते है जो पहले से किसी कंपनी में कार्य कर चुके होते है और वे एक्सपीरियंस यानि अनुभवी होते है। इस रिज्यूम में वह पहले जिस कंपनी में कार्य करते थे उसके बारे में लिखते है साथ ही पिछली कंपनी में जो उपलब्धियां हासिल की होती है उसके बारे में शार्ट शब्दों में लिखते है।अनुभवी व्यक्ति है कालानुक्रमिक रिज्यूम का इस्तेमाल करते है।
कार्यात्मक रिज्यूम (Functional Resume)
इस प्रकार के रिज्यूम में कौशल और क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यानि स्किल के बारे में सबसे पहले लिखा जाता है। इस प्रकार के रिज्यूम को लिखने वाला व्यक्ति चाहता है की हायरिंग मैनेजर सबसे पहले उनके स्किल के बारे में जाने। और यदि उनके स्किल के अनुसार कंपनी में कोई जॉब रहता है तो हायरिंग मैनेजर सबसे पहले उनके रिज्यूम को सेलेक्ट करे दोस्तों यह रिज्यूम फ्रेशर के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।
लक्षित रिज्यूम (Targeted Resume)
जब हमे किसी एक क्षेत्र या किसी टारगेट कंपनी में जॉब करना होता है तब उस समय हम टार्गेटेड रिज्यूम बनाते है। इस रिज्यूम में हम कंपनी के जरूरत के हिसाब से अपने कौशल, योग्यता और अनुभव को दर्शाते है। याद रहे इस प्रकार के रिज्यूम में आप जो भी स्किल के बारे में बताते है वो सभी सच होना चाहिए आप किसी भी ऐसे स्किल को न लिखे जो आपने नहीं है।
संयोजन रिज्यूम (Combination Resume)
इस रिज्यूम में एक्सपीरियंस और स्किल दोनों को दर्शाया जाता है। जो लोग किसी एक स्किल में बहुत ज्यादा माहिर होते है और उनको उसमे कई सालो का अनुभव होता है वे लोग संयोजन रिज्यूम का प्रयोग करते है। देखा जाए तो संयोजन रिज्यूम, कार्यात्मक और कालानुक्रमिक रिज्यूम का मेल होता है।
रिज्यूम बनाते समय ध्यान देने योग्य बाते
Resume बनाने में हमे कई सारे चीजों पर विशेष ध्यान देना होता है। क्योंकि रिज्यूम ही नौकरी पाने की पहली सीढ़ी होती है, रिज्यूम ही हमे इंटरव्यू तक लेके जाता है। रिज्यूम बनाने में की गयी छोटी सी गलती भी हमारे रिज्यूम को रिजेक्ट करवा सकता है। इसलिए हमे रिज्यूम बनाने में विशेष बातों का पूरा ध्यान रखना चाहिए जो इस प्रकार है –
- रिज्यूम में अपने स्किल, योग्यता, कार्य अनुभव, उपलब्धियां के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दे। आप रिज्यूम में केवल उन्ही जानकारी को लिखें जो जॉब के लिए जरुरी है।
- रिज्यूम हमेशा एक पेज का होना चाहिए।
- रिज्यूम बनाते समय किसी भी प्रकार की स्पेलिंग मिस्टेक न करे।
- रिज्यूम में हमेशा सही जानकारी दे । हायरिंग मैनेजर को इम्प्रेस करने के चक्कर में गलत जानकारी न दे, यानि आपको जो चीजे आती है उसी को रिज्यूम में दर्शाये।
- रिज्यूम में जानकारी को लिखते समय Bullets Form का इस्तेमाल जरूर करे क्योंकि इससे हायरिंग मैनेजर को पढ़ने में आसानी होती है, साथ ही रिज्यूम अच्छा भी दिखता है।
- रिज्यूम में font size और फॉन्ट टाइप ऐसा रखो की पढ़ने वाले को आसानी से समझ में आ जाए।
- रिज्यूम में व्यक्तिगत जानकारी जैसे आयु, धर्म, जाती, मैरिड स्टेटस, जन्म तिथि, पिता का नाम आदि चीजे न लिखे।
- रिज्यूम में कभी भी अपनी कमियों के बारे में न लिखे।
- रिज्यूम लिखते समय किसी भी वर्ड को शार्ट फॉर्म के रूप में न लिखे क्योंकि जरुरी नहीं की सामने वाले को उसका फुल फॉर्म पता हो।
रिज्यूम कैसे बनाये (Resume Kaise Banaye)
रिज्यूम बनाना आज के समय में ज्यादा मुश्किल काम नहीं है आप अपने स्मार्ट फ़ोन में आसानी से Resume बना सकते है। आपको प्ले सॉर्ट में कई सारे रिज्यूम बनाने वाले एप्लीकेशन मिल जायेंगे जहा से आप आसानी से रिज्यूम बना सकते है।
इसके अलावा आप MS Word में भी रिज्यूम बना सकते है, MS Word में पहले से बना बनाया रिज्यूम होता है बस आपको उसे एडिट करके की आवश्यकता होती है।
आपने रिज्यूम क्या होता है, इसका उद्देश्य, रिज्यूम के प्रकार, रिज्यूम बनाने में किन चीजों का ध्यान देना चाहिए के बारे में अच्छे से जान लिया, अब हम थोड़ा CV और बायोडाटा के बारे में जान लेते है
सीवी क्या है (What is CV)
बहुत से लोग है जो रिज्यूम और सीवी को एक जैसा मानते है, और इसी कारण जहाँ रिज्यूम देना होता है वहां सीवी दे देते है, और यह उनकी सबसे बड़ी गलती हो जाती है जिस कारण उन्हें कभी इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट नहीं किया जाता।
आपने रिज्यूम के बारे में तो अच्छे तरीके से जान लिया बात करे सीवी की तो आपको बता दूँ सीवी का फुल फॉर्म करिकुलम विटे होता है। जो लैटिन भाषा का एक शब्द है, इस शब्द का मतलब जीवन का सार होता है। इसके मतलब से ही समझ आता है कि सीवी में हमे अपने बारे में विस्तार से बताना होता है। इसलिए सीवी 2 से 4 पेज का होता है। जब आप इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट होते है तब आपको साथ में सीवी लेकर बुलाया जाता है। रिज्यूम में आपने जो चीजे शार्ट में लिखी होती है उन चीजों को स्पष्ट रूप से सीवी में लिखना होता है। इसी सीवी के हिसाब से इंटरव्यू लेने वाला आपसे सवाल करता है।
बायो डाटा क्या है (Bio Data Kya Hai)
बायोडाटा का मतलब बायोग्राफिकल डाटा होता है जो 1 से 3 पेज का होता है। बायो डाटा हमे अपने व्यक्तिगत जानकारी जैसे आयु, जन्म तिथि, जाति, नागरिकता, स्थान, पता आदि चीजों के बारे में बताना होता है। बायोडाटा का इस्तेमाल शादी से संबंधित वेबसाइट में किया जाता है, इसके अलावा जहा आपकी व्यक्तिगत जानकारी की आवश्यकता होती है वहां किया जाता है।
अन्य जानकारी
Conclusion
अब आप Resume Kaise Banaye के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे। इस लेख में हमने आपको रिज्यूम क्या होता है , रिज्यूम का उद्देश्य क्या है, रिज्यूम के प्रकार, रिज्यूम में क्या लिखना चाहिए, रिज्यूम बनाने में किन बातोंका ध्यान रखना चाहिए के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा हमे सीवी क्या होता है तथा बायोडाटा क्या होता है के बारे में भी जाना।
मैं आशा करता हूँ हमारे द्वारा इस लेख मे रिज्यूम के बारे में जो जानकारी दी गयी है वो आपके लिए उपयोगी साबित होगी। यदि आपको हमारे इस पोस्ट की जानकारी अच्छी लगे तो इस शेयर जरूर करे साथ ही इस लेख से जुड़े किसी तरह का सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट में लिखकर जरूर बताए।